Namaz Ka Tarika in hindi,नमाज पढ़ने का सबसे आसान तरीका ,नमाज सारी एबदतों में सबसे अफ्जालो आला है नमाज पढ़ना हर मुस्लमान मर्द औरत पर फर्ज है यानि इसका छोड़ने वाला बहुत बड़ा गुनाहगार है और नमाज ही ऐसी एबदत है जो मैदाने महशर मे सबसे पहले सवाल होगा और
नमाज से ही इन्सांन के दिलो को राहत पहुँचती है नमाज से हर मुसीबत टल जाती है नमाज पढ़ने से गुनाहे सगायेर को मिटा दिए जाते हैं और नमाज बेहयाई और बुरी बातो से भी रोकती
Namaz Ka Tarika in hindi : नमाज पढ़ने का सबसे आसान तरीका
- फज्र की नमाज पढ़ने का मुकम्मल तरीक़ा ) फज्र की नमाज में कुल 4 रकअत हैँ
- फज्र की 2 रकअत सुन्नत
- फज्र की 2 रकअत फ़र्ज़
नमाज पढ़ने के लिए जब मुसल्ला पे जाएँ
Step #1 अऊजो बिल्लाही मीनश शैतानीर रजिम ) बिस्मिल्लाहीर रहमानीर रहीम ( पढ़े)
Step #2 उसके बाद ये पढ़े ( - इन्नी वज्जहतो वजहिय लिल्लाहिल लजी फ़तरस समावाती वल अरद हनीफऊं वमा अना मीनल मुशरिकीन)
फज्र की 2 रकअत सुन्नत की नियत ) नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की सुन्नत रसूले पाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर)
फज्र की 2 रकअत फर्ज की नियत ) नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की फज्र के अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
Step #3 उसके बाद ( अल्लाहु अकबर ) कहते हुए कानो तक दोनों हाथ उठा कर नाभ के निचे दोनों हाथों को बांध ले उसके बाद सना पढ़े जो निचे लिखा हुआ है
सना पढ़े(सुब्हानक अल्लाहुम्मा व बहम्दीक व तबारकसमुक व तअला जद्दोकअलाइलाह गइरूका )
Step #4 ( सूरह फातेहा पढ़े ) बिस्मिल्लाहि र-रहमानि र-रहीम) अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन (1)अर रहमा निर रहीम(2)मालिकि यौमिद्दीन(3)इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तइन(4)इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम(5)सिरातल लज़ीना अनअमता अलैहिम(6)गैरिल मग़दूबी अलैहिम वलद दालीन(7)
Step #5 सूरह फातेहा पढ़ने के बाद आप को जो भी सूरह याद हो ओ पढ़े लेकिन 1 सूरह निचे भी दिया हुआ इसे भी पढ़ सकते हैँ
सूरह असर पढ़े - बिस्मिल्लाहि र-रहमानि र-रहीम) वल असर (1)इन्नल इंसान लाफ़ी खुसर (2)इल्लाल लजीना आमनु व अमेलुस सालिहाती वतवा सव बिल हक्की वतवा सव बीस सब्र (3)
Step #6 कोई सूरह पढ़ने के बाद (अल्लाहु अकबर ) कह कर रुकूअ में जाए और निचे दिया हुआ तस्बीह पढ़े 3 मरतबा उर्दू अरबी दोनों में लिखा हुआ है )
रुकूअ में ये तस्बीह पढ़े
- सुब्हान रब्बीयाल अजिम
- सुब्हान रब्बीयाल अजिम
- सुब्हान रब्बीयाल अजिम
Step #7 तस्बीह पढ़ने के बाद ( समी अल्लाहु लिमन हमीदह ) कहते हुए सीधा खड़े हो जाए और फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएँ और निचे दिया हुआ तस्बीह 3 बार पढ़े
सजदे मे ये तस्बीह पढ़े
- सुब्हान रब्बीयाल आअला
- सुब्हान रब्बीयाल आअला
- सुब्हान रब्बीयाल आअला
Step #8 उसके बाद फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए अपने सर को उठाये और सीधा बैठ जाए फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाए और सजदे वाली तास्बीह पढ़े जो ऊपर पढ़े थे
Step #9 फिर तस्बीह पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधा खड़े हो जाए और फिर सूरह फातेहा और कोई सूरह पढ़े
Step #10 सूरह पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकूअ में जाए और वही तस्बीह पढ़े जो ऊपर पढ़े थे
Step#11 फिर तस्बीह पढ़ने के बाद ( समी अल्लाहु लिमन हमीदह )कहते हुए सीधे खड़े हो जाए और फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाए और सजदे वाली 3 तस्बीह सजदे में पढ़े और दो सजदा करके सीधे बैठ जाए और फिर अततहियात पढ़ें
अततहियात) अततहिययातो लिल्लाहि वस सालावातो वततययीबातो अस्सलामो अलइका अइयो हन्नाबी वरहमतुल्लाहि वबरकातुहु अस्सलामु अलैना वाअला ऐबादिल लाहिस सालेहीन अश हदो अल्लाइलाहा इल्लाहो व अश हदो अन्ना मोहम्मदन अब्दुहु वरसुलुहू
Step #12 उसके बाद दुरुदे इब्राहिम पढ़े
दुरुद शरीफ) अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदइवं व अला आले मोहम्मदी न कमा सल्लइत अला इब्राहिम व अला आले इब्राहिमा इनका हामिदुम मजीद अल्लाहुम्मा बारीक अला मोहम्मद इवं व अला आले मोहम्मदीन इनका हामीदुम मजीद
- Step #13 उसके बाद सलाम फेर दें (अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह) पहले दाहिने तरफ फिर बाएं तरफ उसके कोई भी
दुआ कर सकते वरना rxampal के लिए ये भी दुआ दिया हुआ है ये भी पढ़ सकते अब
फज्र की नमाज मुकम्मल हो गई )
- Step #14: उसके बाद ऐ दुआ पढ़ें (नमाज के बाद की दुआ)अल्लाहुम्मा रब्बनाआतिना फिद्दूनीयां हसनाताऊँ व फील आखिरती हसनताऊँ वेकना आजाबान्नर
यहाँ से सुबह वाली नमाज मुकम्मल हो गई आगे पांचो वक्त नमाज की नियत बताई गई है
नमाजे जोहर की मुकम्मल नियत) जोहर में कुल 12 रक्त है
- 4 रक्त सुन्नत
- 4 रक्त फर्ज
- 2 रक्त सुन्नत
- 2 रक्त नफल
जोहर की 4 रक्त सुन्नत की नियत) नियत की मैने चार रक्त नमाजे जोहर की सुन्नत रसूले पाक की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
जोहर की 4 रक्त फर्ज की नियत) नियत की मैंने चार रकत नमाज़ जुहर की फज्र वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
जोहर की 2 रक्त सुन्नत की नियत) नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
जोहर की 2 रक्त नफल की नियत) नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जुहर की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
नामज असर की मुकम्मल नियत (असर में कुल 8 रक्त हैँ )
असर के 4 रक्त सुन्नत की नियत ) नियत की मैंने चार रकत नमाज़ असर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
असर के 4 रक्त फर्ज की नियत ) नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ असर की फर्ज वास्तेअल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
नमाज मगरिब की मुकम्मल नियत ) मगरिब में कुल 7 रक अत हैँ
- 3 रकअत फर्ज
- 2 रकअत सुन्नत
- 2 रकअत नफल
मगरिब के 3 रक्त फर्ज की नियत ) नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ मगरिब की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
मगरिब के 2 रक्त सुन्नत की नियत ) नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
मगरिब के 2 रक्त नफल की नियत ) नियत की मैंने दो रकत नमाज़ मगरिब की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
ईशा के नमाज की मुकम्मल नियत ) ईशा की नामज में कुल 17 रक्त हैं
- 4 रकअत फर्ज
- 2 रकअत सुन्नत
- 2 रकअतनफल
- 3 रकअतवित्र वाज़िब
- 2 रकअत नफल
ईशा के 4 रक्त सुन्नत की नियत )नियत की मैंने चार रकत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
ईशा के 4 रक्त फर्ज की नियत ) नियत की मैंने चार रकत नमाज़ ईशा की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
ईशा के 2 रक्त सुन्नत की नियत ) नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज के बाद वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
ईशा के 2 रक्त नफल की नियत )नियत की मैंने दो रकत नमाज़ ईशा की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
ईशा के 3 रक्त वित्र की नियत ) नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर)
ईशा के 2 रक्त नफल की नियत ) नियत की मैंने दो रकत नमाज़ ईशा की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.)
आज की इस पोस्ट में आप ने जाना फज्र की नमाज पढ़ने का मोकम्मल तरीका और पांचो वक्त नमाज़ की नियत आशा करते हैं आप को ये पोस्ट पसंद आया होगा पसंद आये तो अपने दोस्तों के पास जरुर शेयर करें और कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताये ये पोस्ट कैसी लगी
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This is very helpful for me
ReplyDeleteThanks a lot
🙂🙂🙂🙂
bahut accha laga
ReplyDeleteThanks
DeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteपति पत्नी का रिश्ता मजबूत करने की पांच टिप्स