Islami Articles
( अलजवाब )
बिस्मिल्लाहीररहमानीररहीम
मोसाफिर को रोजा रखने या ना रखने का एखतेयार है, जब उस मोसाफिर को या उसके साथ वाले को कोई नुकसान ना हो तब तो बेहतर ये है के रोजा रख ले,
और अगर रोजा रखने से उसको या उसके साथ वाले को कोई नौकसान पहुंचे तो अब रोजा न रखना बेहतर है
लेकिन ये मसअला याद रहे के दिन में सफर करना हो और सुबहे सादिक के वक़्त मोसाफिर शरई ना हो तो दिन में सफर करने की वजह से उस दिन रोजा छोड़ने की रुख़सत नही बल्कि उस दिन का रोजा रखना होगा,
Note :- मोसाफिर जिस सूरत में रमजानु मुबारक का रोजा छोड़ सकता है रमजानुल मुबारक के बाद उसे उस रोजे की क़ज़ा करना फर्ज है,
सफऱ में रोजे रखने का क्या हुक्म है | Safar Men Roza Ka Kya Hukm Hai
सफऱ में रोजे रखने का क्या हुक्म है - Safar Men Roza Ka Kya Hukm Hai
फतवा रमजान के रोजे काहलते सफऱ में रोजे रखने का क्या हुक्म है
क्या फरमाते हैँ ओलमाये दिन और मुफ़्तीयाने शरअ इस मसअले के बारे में के अगर कोई रमजानुल मुबारक में सफर में हो तब उसे रोजा रखने का क्या हुक्म है( अलजवाब )
मोसाफिर को रोजा रखने या ना रखने का एखतेयार है, जब उस मोसाफिर को या उसके साथ वाले को कोई नुकसान ना हो तब तो बेहतर ये है के रोजा रख ले,
और अगर रोजा रखने से उसको या उसके साथ वाले को कोई नौकसान पहुंचे तो अब रोजा न रखना बेहतर है
लेकिन ये मसअला याद रहे के दिन में सफर करना हो और सुबहे सादिक के वक़्त मोसाफिर शरई ना हो तो दिन में सफर करने की वजह से उस दिन रोजा छोड़ने की रुख़सत नही बल्कि उस दिन का रोजा रखना होगा,
Note :- मोसाफिर जिस सूरत में रमजानु मुबारक का रोजा छोड़ सकता है रमजानुल मुबारक के बाद उसे उस रोजे की क़ज़ा करना फर्ज है,
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