शैतान के खतरनाक वार - Ghous e Azam History in Hindi
शैतान के खतरनाक वार - Ghous e Azam History in Hindi
सरकार गौसे आजम रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं : एक बार मैं किसी जंगल की तरफ निकल
गया और कई रोज तक वहीं पड़ा रहा खाने पिने को कुछ भी नहीं होता था मुझ पर प्यास का
सख्त गलबा था ऐसे में मेरे सर पर एक बदल का टुकड़ा नामुदार हुआ उस में से कुछ बारिश
के कतरे गिरे जिन्हें मैंने पि लिया |
उसके बाद बादल में एक नुरानी सुरत जाहिर हुई जिस से आसमान के किनारे रौशन हो
गए और एक आवाज गुजने लगी : ऐ अब्दुल कादिर ! मैं तेरा रब हूँ मैंने तमाम हराम चीजे
तेरे लिए हलाल कर दिए हैं मैं ने अउजो बिल्लाहि मिनाश्तानिर्रजिम पढ़ा ,एक दम रौशनी
ख़तम हो गई और उस ने धुएं का रूप धर लिया |
और आवाज आई : ऐ अब्दुल कादिर ! इस से पहले मैं सत्तर औलिया को गुमराह क्र चूका
हूँ मगर तुझे तेरे इल्म ने बचा लिया आप रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं मैंने कहा : ऐ
मरदूद ! मुझे मेरे इल्म ने नहीं बलके मेरे रब के फजल ने मुझे बचा लिया |
हवाला ( बह्जतुल असरार सफा न.
228 )
·
हो इमांन के साथ दुन्याँ से रुखसत
·
यही अर्ज है आखरी गौसे आजम |
चोर वही आता है जहाँ माल होता है - Ghous e Azam History in Hindi
हमारे प्यारे दोस्तों शैतान बड़ा ही मक्कार व अय्यार है वह तरह तरह के शोब्दे )
यानि जादुई करतब भी दिखाता है उसके वार से
हमेशा ख़बरदार रहना चाहिए अपनी अक्ल व होश्यारी पुर एतमादी करने के बजाये अल्लाह
अज्ज्वाजल के फ्ज्लो कर्म पर नजर रखनी चाहिए |
जिसके पास माल होता है उसके पास चोर आता है और जिसके पास दौलत इमां है उसके
पास इमां का लुटेरा शैतान जरुर आता है यानि जिसके पास जितना मजबूत इमां होगा उसके
पास उसी कद्र नेक्यों के खजाने की भी कसरत होगी लेहाजा वहाँ शैतान बहुत जेयदा जोर
लगाएगा |
हमारे पिरो मुर्शिद हुजुर गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह के पास इमां व अमल के
खजाने के अम्बार को देख कर शैतान ने डाके डालने की बहुत बार कोशिश की मगर वह नाकाम
व नामुराद रहा |
Post a Comment