मुस्लमान कितनी शादी कर सकता है - How Many Muslims Can Marry
मुस्लमान कितनी शादी कर सकता है - How Many Muslims Can Marry
(क़ुरआन )अल्लाह तआला ने फ़रमाया -निकाह यानि ( शादी ) करो जो खुश आये औरतों से दो दो और तीन तीन और चार चार और अगर ये डर हो के सभी के साथ इंसाफ नहीं कर सकोगे तो एक से करो - ( पारा नंबर 4) सूरह निसा ) मजहबे इस्लाम में एक साथ चार शादी कर सकते है चार बीबी को एक साथ रख सकते हैँ लेकिन यहाँ अल्लाह तआला ने कुछ शरतें रखी है उसी शर्त के तहत चार शादी कर सकते हैँ शर्त ये है के
चार औरतों से तभी शादी करो के जब तुम चारो औरतों के साथ इंसाफ कर सको यानि हर चीज में बराबरी का हिस्सा तै कर सको किसी एक के साथ भी ना इंसाफ़ी नहीं कर सकते अगर तुम में इतनी सलाहियात है तो चार शादी कर सकते हो यानि चार बीबीयो को एक साथ रख सकते हो
अजनबी औरत की तरफ देखने से कैंसे बचे
हदीस ( 1 ) बोखारी मुस्लिम तिरमेजी अबू दाऊद और नसई में अब्दुल्लाह बिन मसउद रदिअल्लाहु अल्लाहो अनहो से रवायात है के हुजूर सल्लल्लाहु अलहे वसल्लम ने फ़रमाया ऐ जवानों तुम में जो कोई निकाह करने की सलाहियत रखता है ओ निकाह करें )इस लिए के
निकाह अजनबी औरत की तरफ निगाह करने से रोकने वाला है और शर्मगाह की हिफाजत करने वाला है और जिसमें निकाह करने की सलाहियात नहीं ओ रोजा रखे इस लिए के रोजा शहवत को ख़त्म करता है )
निकाह क्या होता है ? - What is Nikah in hindi
निकाह यानि ( शादी )उस अकद को कहते हैँ जो इस लिए मोकरर किया गया के मर्द को औरत से ( जेमाअ ) यानि ( हनीमून )वगैरह हलाल हो जाए
खुंशी मुश्किल यानि ( हिजड़ा )से निकाह करना कैसा है ( मसअला ) खुंशी मुश्किल - यानि जिसमें मर्द और औरत दोनों की आलमतें पाई जाए और ये साबित ना हो के मर्द है या औरत उस से ना मर्द का निकाह हो सकता है ना औरत का अगर किया गया तो बातिल है हाँ बादे निकाह उसका औरत होना मोतइयाँन हो जाए और निकाह मर्द से हुआ है तो सही है
यूँ ही औरत से निकाह हुआ और उसका मर्द पाया जाना करार पाया गाया खुंशी मुश्किल का निकाह खुंशी मुश्किल से भी नहीं हो सकता मगर उसी सूरत में के एक मर्द होना दूसरे का औरत होना मोताहाक्कीक हो जाए
परी से निकाह हो सकता है या नहीं (मसअला) - मर्द का परी से निकाह या औरत का जिन से निकाह नहीं हो सकता इसी तरह इंसान के हमशक्ल के जानवर से निकाह हो सकता है या नहीं ये जो आवाम में मशहूर है के बिन मांस आदमी की शक्ल का एक जानवर होता है अगर वाकई है तो उस से भी निकाह नहीं हो सकता के वह इंसान नहीं जैसे पानी का इंसान के देखने से बिलकुल इंसान मालूम होता है और हकीकत में ओ इंसान नहीं
निकाह के चंद शर्ते - Nikah ke Shrayet in hindi
मजहबे इस्लाम में हर मुस्लमान मर्द और औरत को निकाह करने के लिए मुकम्मल तौर से खुली आजादी दी है लेकिन उसमे. कुछ शर्ते रखी है के निकाह कब मना जाएगा किसकी गवाही से निकाह मोनाकीद होगा पागल या बच्चों का निकाह मना जाएगा या नहीं ये सब कुछ निकाह यानि ( शादी ) की शर्ते हैँ जिसमें से पहला ये है 👇
1 आकिल होना ) मजनू या ना समझ बच्चा ने निकाह किया तो निकाह मोनाकीद ही ना हुआ
2 ब्लूग ) नाबालिग अगर समझदार है तो मोनाकीद हो जाएगा मगर वली की एजाजत पर मौकुफ़ रहेगा
3 गवाह होना ) ऐजबो कुबूल दो मर्द या एक मर्द और दो औरतों के सामने हो गवाह आजाद आकिल बालिग़ हो और सबने एक साथ निकाह के अलफाज सुने
बच्चों और पागलों की गवाही से निकाह नही हो सकता ना गुलाम की गवाही से अगर चे मोदब्बीर या मक़ातिब हो मुसलमान मर्द का शादी मुसलमान औरत के साथ है तो गवाहों का मुस्लमान होना भी शर्त है लेहाजा मुसलमान मर्द और औरत का निकाह काफिर की शहादत से नहीं हो सकताऔर अगर
केताबिया से मुसलमान मर्द का शादी हो तो उस निकाह के गवाह जम्मी काफिर भी हो सकते हैँ अगर चे औरत के मजहब के खिलाफ गवाहों का मजहब हो Exampal औरत नसरानिआ है और गवाह यहूदी या बिलअक्स यूँ ही अगर काफिर और काफीरा का निकाह हो तो उस निकाह के गवाह काफिर भी हो सकते हैँ अगर चे दूसरे मजहब के हों
निकाह के अहकाम क्या क्या है
निकाह करना कब सुन्नते मोअकेदा है ऐतदाल की हालत में यानि ना शहवत का जेयादा गलबा हो न नामर्द हो और महर नफ्क़ा अदा करने की कुदरत रखता हो तो इस सूरत में निकाह करना सुन्नते मोअकेदा है के निकाह ना करने पर अढ़े रहना गुनाह है
निकाह करना कब सवाब है जो शख्स हराम से बचने के लिए या इतबाए सुन्नत और तमीले हुक्म को अदा करने के लिए या फिर औलाद हासिल होने के लिए निकाह करना मकसूद हो तो इस सूरत में निकाह करना सवाब है और अगर सिर्फ लज्जत या कजाये शहवत के लिए निकाह करना मकसूद है तो सवाब नहीं पायेगा
निकाह करना कब वाज़िब है शहवत का गलबा है के निकाह ना करें तो मआ जल्लाह अंदिशय जना है और महर व नफ्क़ा की कुदरत रखता है तो निकाह वाज़िब है यूँ ही जबके अजनबी औरत किं तरफ निगाह करने से रोक नहिं सकता या मआ जल्लाह हाँथ वगैरह से काम लेना पड़ेगा तो ऐसी सूरत में निखिल करना वाज़िब है
निकाह करना कब फर्ज़ है अगर किसी भी शख्स को ये एकिन हो के निकाह ना करने में जना वाकेअ हो जाएगा तो उस सूरत में निकाह यानि शादी करना फ़र्ज है
निकाह करना कब मकरूह है अगर किसी सखश को ये अंदिशा हो के निकाह करेगा तो नानो नफ्क़ा ना दे सकेगा या जो जरुरी बातें हैँ उनको पूरा ना कर सकेगा तो मकरूह है और उन बातों का यकीन हो तो हराम है मगर निकाह बहारहल निकाह हो जाएगा
नवाफ़िल नमाज में मशगूल रहने से बेहतर क्या है
निकाह और उसके हुकूक अदा करने में और औलाद की तरबियत में मशगूल रहना नवाफ़िल पढ़ने से बेहतर है
तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में आप ने जाना के मुसलमान कितनी शादी कर सकता है और निकाह क्या होता है निकाह के शरायत क्या है निकाह के अहकाम क्या है मुसलमान परी से निकाह कर सकता है या नहीं
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